झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के झारखंड मुक्ति मर्चा पार्टी और मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कोल्हान की राजनीति गरमाई हुई है। पटकनी देने का खेल शुरू हो गया है।

कल यानी 30 अगस्त को एक तरफ चंपाई सोरेन भाजपा ज्वाइन करने जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हेमंत कैबिनेट में रामदास सोरेन को शामिल करने की तैयारी चल रही है। उनके नाम का प्रस्ताव गवर्नर संतोष कुमार गंगवार के पास भेज दिया गया है।

 

कल दिन के साढ़े 11 बजे गवर्न रामदास सोरेन को मत्रीपद की शपथ दिलायेंगे। आपको बता दें कि रामदास सोरेन कोल्हान प्रमंडल के घाटशिला से झामुमो के विधायक हैं। वह दूसरी बार विधायक बने हैं। उन्होंने पहला चुनाव 1995 में जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास के खिलाफ लड़ा था। तब उन्हें महज 7,306 वोट मिले थे। उस चुनाव में रघुवर दास की जीत हुई थी। 2009 में उन्होंने झामुमो की टिकट पर कांग्रेस के प्रदीप बलमुचू को महज 1,192 वोट से हराकर पहली जीत दर्ज की थी। वहीं, 2019 में रामदास सोरेन ने भाजपा के लखन चंद्र मार्डी को हराकर दूसरी बार जीत दर्ज की।

भारतीय जनता पार्टी एवं झारखंड मुक्तिमोर्चा या यूं कहें गठबंधन मनोवैज्ञानिक खेल 2019 से ही खेल रहा है। कभी कांग्रेस के टूटने की बात,कभी मुख्यमंत्री केलापता होने की बात होती रही है।

चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने से कोल्हान के कुछ विधायक चंपई के साथ जा सकते थे ,रामदास सरेन को मंत्री बनाने की तैयारी चल रही है।

घाटशिला के तामपाड़ा के रहने वाले रामदास सोरेन झारखंड आंदोलनकारी रहे हैं। उनका चंपाई सोरेन से बेहद करीबी संबंध रहा है।

बीते 4 सलों में हेमंत सोरेन जिस तरह अपने सरकार को बचाने में सफल रहे हैं। बीजेपी के द्वारा लगाए गए आरोप का कुशलता पूर्वक जवाब देते आए महागठबंधन के नेता ।

By Manish Jha

MANISH JHA EDITOR OF NEWS 69 BHARAT

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