झारखंड में भारतीय जनता पार्टी एवं महागठबंधनके बीच मनोवैज्ञानिक राजनीतिक खेल चल रहा है, आगामी चुनाव के मध्य नजर साम, दाम, दंड ,भेद सभी का प्रयोग किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी लगातार महागठबंधन के विधायकों पर हमलावर रहे हैं। बिजली पानी सड़क के अलावा बांग्लादेशी घुसपैठ, लव जिहाद, जल जंगल की लूट आदि आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया।
वर्तमान में चंपई सोलन के भारतीय जनतापार में जाने से कांग्रेस एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा में राजनीतिक दबाव का माहौल है।
कोल्हान एवं संथाल दोनों जगह झारखंड मुक्ति मोर्चा मजबूत नजर आ रही थी। लोकसभा चुनावमें भी परिणाम महागठबंधन के पक्ष में गया था।
कोल्हान टाइगर अब भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट मांगते नजर आएंगे।
अभी तक भारतीय जनता पार्टी पर मंच से ताबड़तोड़ हमला करने वाले चंपई सोरेन को भी बांग्लादेशी घुसपैठी नजर आने लगा।
जिस तरह गंभीर मुद्दे को प्रमुखता से लकर चंपई सोरेन आगे बढ़ रहे हैं आने वाले समय में कोल्हान क्षेत्र में कमल फूल खिलने की प्रबल संभावनाएं हैं।
वहीं दूसरी ओर राम दास सोरेन को मंत्री बनाकर सियासी चल चल दिए हैं ।
ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा को कितनी हानि होगी यह देखने वाली बात होगी।