सेवा का अधिकार सप्ताह’ में असंतोष:पोर्टल बंद होने से ‘अबुआ आवास’ और ‘मंइयां सम्मान’ के आवेदक नाराज, सरकार की छवि पर असर

 

रांची: झारखंड में 21 नवंबर से 28 नवंबर तक आयोजित किए गए ‘सेवा का अधिकार सप्ताह’ और इसके तहत हुए ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ (AYASAD) कार्यक्रम को ग्रामीण क्षेत्रों तक सरकारी लाभ पहुँचाने की एक बड़ी पहल माना जा रहा था। हालांकि, इस वर्ष यह आयोजन दो महत्वपूर्ण योजनाओं—अबुआ आवास योजना और मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना—के आवेदन स्वीकार न किए जाने के कारण विवादों में घिर गया है, जिससे ग्रामीण जनता में गहरी नाराजगी देखी गई।

पहले दिन हुई ‘गड़बड़ी’ और फिर बंद किए आवेदन

कार्यक्रम की शुरुआत 21 नवंबर को राज्य भर की ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में हुई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि शुरुआती दिन, अबुआ आवास और मंइयां सम्मान योजना सहित कई योजनाओं के आवेदन स्वीकार किए गए, जबकि इन दोनों योजनाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल पहले से ही बंद थे।

अगले ही दिन, 22 नवंबर 2025 से, प्रशासन ने पोर्टल बंद होने का हवाला देते हुए इन दोनों योजनाओं के आवेदन स्वीकार करना पूरी तरह से बंद कर दिया। इस अचानक लिए गए फैसले से उन आवेदकों में भारी असंतोष फैल गया जो इन अत्यंत महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ लेने की उम्मीद में शिविरों तक पहुँचे थे।

जनता की नाराजगी और मुखिया-पार्षदों की दुविधा

दोनों योजनाओं के आवेदन स्वीकार नहीं होने से खासकर ग्रामीण महिलाएं और युवा आवेदक सबसे अधिक निराश हुए। उनका कहना था कि सरकार एक ओर तो ‘सरकार आपके द्वार’ का नारा दे रही है, लेकिन दूसरी ओर गरीबों के लिए आवास और पात्र महिलाओं के लिए सम्मान निधि के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।

इस स्थिति में, ग्राम पंचायतों के मुखिया और शहरी क्षेत्रों के पार्षदों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। वे ग्रामीण जनता के सीधे दबाव में थे, जिन्हें यह समझाना मुश्किल हो रहा था कि यह तकनीकी बाधा (पोर्टल बंद) है, न कि स्थानीय प्रतिनिधि की अनिच्छा। कई मुखियाओं ने प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के सहयोग से बीच का रास्ता निकाला। जनता के गुस्से को शांत करने के लिए, पंचायत स्तर पर भौतिक फॉर्म स्वीकार कर लिए गए और यह आश्वासन दिया गया कि पोर्टल खुलते ही उनका रजिस्ट्रेशन प्राथमिकता पर कर दिया जाएगा। समझदार जनता ने स्थिति को समझा, लेकिन कम समझ रखने वाले लोगों ने अपनी नाराजगी बरकरार रखी।

कार्यक्रम के सकारात्मक लाभ और राजनीतिक निहितार्थ

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम झारखंड सरकार के लिए एक वरदान साबित हुआ है, क्योंकि यह सुदूरवर्ती और वंचित लोगों को सीधे सरकारी योजनाओं से जोड़कर सरकार की सकारात्मक छवि निर्मित कर रहा था।

सरकार को लाभ-

यह- कार्यक्रम ‘शिकायत निवारण’ और ‘त्वरित सेवा’ के माध्यम से सरकार और जनता के बीच के भरोसे को मजबूत करता है।

वर्तमान हानि:- दो प्रमुख, जन-केंद्रित योजनाओं (आवास और महिला सम्मान) के आवेदन अचानक बंद होने से, सरकार की ग्रामीण जनता के बीच बनी सकारात्मक छवि को गंभीर क्षति पहुँची है। जनता की धारणा है कि उन्हें लाभ से वंचित किया जा रहा है, जिसका सीधा असर आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों पर पड़ सकता है।

समापन दिवस पर नियुक्ति पत्र वितरण

सप्ताह का समापन 28 नवंबर 2025 को हुआ। मुख्यमंत्री ने समापन समारोह में स्वयं उपस्थित होकर राज्य के अनेक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। यह प्रयास निश्चित रूप से युवाओं के बीच सरकार के प्रति सकारात्मक संदेश देगा, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आवास और महिला सम्मान से जुड़ी नाराजगी को इस उपलब्धि से पूरी तरह से ढका नहीं जा सकेगा।

By Manish Jha

MANISH JHA EDITOR OF NEWS 69 BHARAT

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