झारखंड सरकार के “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत इस साल 21 नवंबर 2025 से आयोजन शुरू हुआ, जिसमें मैया सम्मान योजना एवं अव्यवास/अवा आवास योजना के लिए भी आवेदन स्वीकार किए गए थे, लेकिन ऑनलाइन पोर्टल बंद होने के कारण लाभुकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मैया सम्मान योजना एवं अव्या आवास: निराश लाभुक
21 नवंबर को कार्यक्रम के पहले दिन इन योजनाओं के लिए आवेदन खुले थे, जिससे ग्रामीणों में काफी उत्साह था।
अगले ही दिन यानी 22 नवंबर से इन योजनाओं के लिए आवेदन लेना बंद कर दिया गया, जिससे आवेदन करने आए लाभुकों को निराश लौटना पड़ा।
कई ग्रामीणों का कहना है कि फार्म न लेने से वे योजना से वंचित रह जाएंगे और उनका भरोसा सरकार पर कम हो रहा है।
जनप्रतिनिधियों की मुश्किलें
पंचायत मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधि इस स्थिति से असहज हैं, क्योंकि अगर वे फार्म नहीं लेते हैं तो ग्रामीण उन पर पक्षपात या मनमानी का आरोप लगा रहे हैं।
वहीं फार्म ले भी लें, तो ऑनलाइन प्रक्रिया बंद होने के कारण आगे की सुविधा देने में असमर्थ हैं, जिससे उनकी छवि पर असर पड़ सकता है।
जनप्रतिनिधियों की इच्छा है कि अधिकतम ग्रामीण योजनाओं का लाभ उठाएं, जिससे रिश्तों में मिठास और विश्वास बढ़े, लेकिन व्यवस्था की बाध्यता उन्हें विवश कर रही है।
जनप्रतिनिधियों के बयान
पंचायतों के मुखिया , जिला परिषद सदस्य और प्रतिनिधि कहते हैं, “सरकार की मंशा अच्छी है, लेकिन तकनीकी या प्रशासनिक बाध्यता की वजह से आम जनता तक लाभ पहुंचाने में हमलोग संघर्ष कर रहे हैं।”
दूसरा प्रतिनिधि कहते हैं, “लोग हमसे उम्मीद करते हैं कि किसी तरह उनका आवेदन लगे, लेकिन जब ऊपर से ऑनलाइन पोर्टल ही बंद हो जाता है तो हम क्या करें? इसी कारण ग्रामीण नाराज होकर हमें भी दोषी मान रहे हैं।”
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि तकनीकी या प्रशासनिक बदलावों के कारण मैया सम्मान योजना एवं अबूआ आवास योजना के वास्तविक लाभुकों को निराशा का सामना करना पड़ रहा है, और जनप्रतिनिधि भी असमंजस में हैं।
ऐसी समस्याओं का प्रभाव सरकार के लोक-कल्याणकारी योजनाओं के स्वरूप और आम जनता के विश्वास पर स्पष्टतः दिखाई देता है।
