बदलते समय में यातायात का साधन बदल रहा है।
टैक्सी, 407, टेकर, टेंपो, रिक्शा सबका एक समय दौर आया और अब पर्यावरण को देखते हुए ई-रिक्शा अर्थात टोटो का दौर प्रारंभ हुआ।
चार पहिया वाहन को छोड़ दें तो, तीन पहिया वाहनों के लिए कोई विशेष कानून या यूं कहें व्यवस्था हमारे धनबाद शहर में नहीं है।
यात्री पडाव, या स्टैंड की समुचित व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है वहीं ई रिक्शा की अधिक संख्या होने के कारण जाम जैसी स्थिति कतरास जैसे जगह में बनती दिख रही है।
कतरास थाना के सामने ही टोटो चालक अपनी गाड़ी को इस तरह खड़ा करते हैं जिससे राहगीरों को पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
पुलिस के सामने भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। एक और गरीब का जीविका दूसरी ओर विधि व्यवस्था।
जब पुलिस शक्ति दिखाती है, किसी बड़े नेता का या समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति का फोन आना प्रारंभ हो जाता है।
जिला प्रशासन को चाहिए की ई रिक्शा के लिए समुचित व्यवस्था बनाएं जिससे पैदल चलने वाले या अन्य वाहन से चलने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो।