धनबाद। बर्बड्डा थाना क्षेत्र के बड़ा पिछड़ी पंचायत में अवैध कोयले के कारोबार को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। पंचायत के मुखिया द्वारा अपने आधिकारिक लेटर पैड पर इस संबंध में धनबाद उपायुक्त को विस्तृत शिकायत सौंपे जाने के बाद क्षेत्र में चर्चा तेज हो गई है। शिकायत पत्र में मुखिया ने कहा है कि इस कथित अवैध गतिविधि के कारण ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बढ़ गई हैं।
भारी वाहनों की आवाजाही से ग्रामीण परेशान, छात्रों को खतरा
मुखिया द्वारा की गई शिकायत के अनुसार पंचायत क्षेत्र के रास्तों से दिन-रात भारी वाहनों एवं अन्य गाड़ियों में कोयला ले जाया जा रहा है, जिसकी वजह से सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन रास्तों पर लगातार चल रहे ट्रक, मोटरसाइकिल और पिकअप वाहन विद्यालय जाने वाले छात्रों के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है कि गांव के भीतरी रास्तों का उपयोग कर बाघमारा क्षेत्र से कोयला लाया जाता है और कथित रूप से नकली दस्तावेज़ों के सहारे इसे अन्य राज्यों तक भेजा जाता है।
मुखिया ने आरोप लगाया है कि इस कथित तस्करी से संबंधित व्यक्तियों को अवैध कारोबार के एवज में बड़ी रकम मिलती है, जबकि प्रतिदिन सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों से संरक्षण मिलने का दावा?
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कुछ स्थानीय तस्कर लोगों में यह प्रचार कर रहे हैं कि उन्हें धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कोयला ढुलाई की अनुमति मिली है और उनका सीधा संपर्क राज्य के शीर्ष नेतृत्व तक है। मुखिया ने कहा कि इस प्रकार के दावों के चलते स्थानीय लोग भयभीत हैं और कोई भी विरोध करने से हिचकता है। हालांकि, इन दावों की किसी आधिकारिक स्रोत द्वारा पुष्टि नहीं की गई है।
शिकायत पत्र में दो व्यक्तियों के नाम लेकर उन पर कोयला तस्करी में सक्रिय रहने का आरोप लगाया गया है। मुखिया ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि इन आरोपों की निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
कमल के केटेसरिया स्कूल के पीछे भी सक्रिय कारोबार का आरोप
शिकायत में यह भी कहा गया है कि बर्बड्डा क्षेत्र में तीसरे स्थान पर—कमल के केटेसरिया स्कूल के पीछे वाले रास्ते—पर भी बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार होने की बात सामने आई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कथित तस्करों ने रास्ते के पुल को नुकसान पहुँचा दिया है, ताकि आम लोगों की आवाजाही बाधित हो जाए और उस मार्ग को केवल तस्करी गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सके। यहां भी एक व्यक्ति का नाम दर्ज कर उसे इस गतिविधि में सक्रिय बताने का आरोप लगाया गया है।
ग्रामीणों के अनुसार, यह पूरा कारोबार बर्बड्डा थाना से अधिक दूरी पर नहीं हो रहा है, जिससे लोगों में यह सवाल उठ रहा है कि इतने पास होने के बावजूद गतिविधियाँ कैसे निरंतर जारी हैं।
प्रशासन ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए गोविंदपुर के अंचल अधिकारी धर्मेंद्र दुबे ने कहा कि शिकायत प्राप्त हुई है और प्रशासन इस पूरे मामले की जांच करेगा। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी अवैध गतिविधि पाई जाती है, तो कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि संबंधित थाना और खनन विभाग के साथ संयुक्त कार्रवाई संभव है, ताकि आरोपों की वास्तविकता जाँची जा सके और यदि आवश्यक हो तो अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके।
ग्रामीणों में रोष, कार्रवाई की उम्मीद
बड़ा पिछड़ी पंचायत और आसपास के इलाकों में रहने वाले ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर काफी चिंतित हैं। उनका कहना है कि अवैध कोयला ढुलाई से सड़कें खराब हो रही हैं, पर्यावरण प्रभावित हो रहा है और गांव की शांति भंग हो रही है। ग्रामीणों को अब प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद है।
मुखिया द्वारा दाखिल शिकायत ने इस मुद्दे को प्रशासनिक स्तर पर पहुँचा दिया है, और अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और प्रशासनिक स्तर पर क्या कदम उठाए जाते है।
