झारखंड एक्सप्रेस
धनबाद के गोविंदपुर अंचल में 38 फर्जी जमीन रजिस्ट्री, जमीन घोटाले का बड़ा खुलासा, टुंडी_विधायक और झामुमो नेता ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हस्तक्षेप की मांग
धनबाद : धनबाद का गोविंदपुर अंचल एक बार फिर भ्रष्टाचार और भू-माफियाओं की साजिशों का गढ़ बनकर सामने आया है। यह मामला केवल एक घोटाले की कहानी नहीं, बल्कि एक गहरी और संगठित लूट की बानगी है। अब पूरा राज्य देख रहा है कि सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है – क्या दोषियों को सजा मिलेगी या फिर यह भी एक और फाइलों में दबा दिया जाएगा?
धनबाद जिले के गोविंदपुर अंचल में जमीन घोटाले का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह प्रकरण न केवल सरकारी तंत्र की लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि इस बात की ओर भी संकेत करता है कि किस तरह भू-माफियाओं और अधिकारियों की मिलीभगत से जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
इस गंभीर मामले को लेकर झारखंड के पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरीय नेता रतिलाल टुडू ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हस्तक्षेप की मांग की है।
38 लोगों के नाम पर की गई फर्जी_रजिस्ट्री एवं मोटेशन
मामला मौजा भेलाटांड़ (गोविंदपुर) के खाता संख्या 271 और प्लॉट संख्या 220 से जुड़ा है। प्राप्त दस्तावेजों और शिकायत के अनुसार, इस जमीन पर राजीव रंजन उर्फ रवि यादव, उनके पिता जेठो यादव और पंकज कुमार (पिता स्वर्गीय नंदलाल प्रसाद), निवासी चंद्रकोट्याड, धैया द्वारा 38 अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से फर्जी दाखिल-खारिज करवा दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में रजिस्ट्री ऑफिस और अंचल कार्यालय के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमीन का हस्तांतरण कर सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई हैं।
टुंडी विधायक ने की उच्चस्तरीय_जांच की थी मांग, मगर अभी तक नहीं हुई है कोई कार्यवाही
टुंडी विधायक सह पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने इस मामले में 22 जनवरी 2025 को जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी।
उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से संगठित भू-माफियाओं के गिरोह और राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से की गई है। महतो ने यह भी कहा कि यदि इस पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह घोटाला राज्यभर में जमीन की लूट की मिसाल बन जाएगा।
झामुमो वरीय नेता रतिलाल_टुडू का बड़ा हमला, कहा- ‘अधिकारी नोटों की गिनती में व्यस्त
वहीं दूसरी ओर, झामुमो के वरिष्ठ नेता रतिलाल टुडू ने सोशल मीडिया के माध्यम से गोविंदपुर अंचल के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने लिखा, “गोविंदपुर अंचल में कार्य निष्पक्ष रूप से नहीं हो रहा है। अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी केवल नोटों की गिनती में लगे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ये अधिकारी भू-माफियाओं के दबाव में कार्य कर रहे हैं।”
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध किया है कि गोविंदपुर अंचल के दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए और निष्पक्ष जांच का आदेश दिया जाए।
उन्होंने “एक स्थानीय समाचार पत्र में छपी समाचार को आधार बनाते हुए कहा कि यह एक स्पष्ट प्रमाण बताया कि प्रशासन और भू-माफियाओं की मिलीभगत से आम जनता को न्याय से वंचित किया जा रहा है।
राजस्व हानि और प्रशासन की साख पर संकट
इस मामले ने प्रशासनिक मशीनरी और जमीन से जुड़े विभागों की साख पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। राज्य सरकार को राजस्व की भारी क्षति हुई है और आम जनता का सरकारी व्यवस्था से विश्वास डगमगाता नजर आ रहा है।
फर्जी रजिस्ट्री, नकली दाखिल-खारिज और भू-माफियाओं के बढ़ते प्रभाव ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत से सख्त कार्रवाई की मांग
दोनों झामुमो नेताओं ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि वे इस गंभीर मामले का संज्ञान लें और दोषी अधिकारियों एवं भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
साथ ही, गोविंदपुर अंचल सहित पूरे धनबाद जिले में चल रहे भूमि संबंधी मामलों की पुनः जांच करवाई जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।