📰 धनबाद, झारखंड। गोविंदपुर प्रखंड अंतर्गत दुमदुमी और पारसी गांव को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता, जो नाला पर बना हुआ है, उसकी पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। यह पुलिया दोनों गांवों के लगभग 5,000 निवासियों के लिए जीवन-रेखा है, और इसके खतरनाक रूप से जर्जर होने के कारण कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है।
ग्रामीणों ने इस गंभीर स्थिति के लिए सीधे तौर पर स्थानीय उद्योगपति मनीष अग्रवाल को जिम्मेदार ठहराया है।
गंभीर खतरा और ग्रामीणों का आक्रोश
हाल ही में हुई भारी बारिश और लगातार भारी वाहनों के आवागमन के कारण यह पुलिया पूरी तरह से टूट चुकी है और सिर्फ पत्थरों व टूटी हुई कंक्रीट के सहारे टिकी हुई है। पुलिया के बीच में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और इसके किनारे ढह चुके हैं, जिससे पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर ससमय इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, विशेषकर स्कूली बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है।
उद्योगपति पर सीधा आरोप
दुमदुमी और पारसी गांव के निवासियों ने एकजुट होकर उद्योगपति मनीष अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मनीष अग्रवाल अपनी औद्योगिक गतिविधियों के तहत भारी मात्रा में माल ढुलाई के लिए उन्हीं के गांव की सड़क और इस पुलिया का उपयोग कर रहे हैं। ग्रामीणों का दावा है कि अग्रवाल के भारी डंपर और ट्रक लगातार इस पुलिया से गुजरते हैं, जिससे यह जर्जर हो गई है।
”उद्योगपति मनीष अग्रवाल अपने फायदे के लिए हमारे गांव की सड़क और इस पुलिया पर भारी बहन (वाहन) दौड़ा रहे हैं। उनके भारी वाहनों की वजह से ही पुलिया की यह हालत हुई है।
